कहां आ गई कोयल

कहां आ गई कोयल: मैं उदास हूँ, किंतु कोयल अभी भी अपनी मौज में मस्त होकर गा रही है। मेरा मन मानव की प्रकृति-विद्वेषी प्रवृत्ति को देखकर खिन्न है, जिसके कारण उद्यान उजड़ रहे हैं, वन कट रहे हैं

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