आइए 'सरकार' को हम बांट लें

आइए 'सरकार' को हम बांट लें: हम लोगों की खूबी है कि हम मुद्दों को, लोगों को, सिद्धांतों को, सुविधाओं को जाति-धर्म, भाषा, समाज या लोकतंत्र को अपनी सुविधानुसार आपस में आपस में बांट लेते हैं

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