इच्छा और साम्थर्य की डोर पर लहराती पतंगे

इच्छा और साम्थर्य की डोर पर लहराती पतंगे: नीले आसमान पर उड़ती फिरती हैं रंग-बिरंगी पतंगे कि मन बावरा हुआ जाता है, मन पतंग हुआ जाता है। आसमान छूने को बेकल पतंग

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