आज भी गुरबत से नहीं उबरे हैं अन्नदाता

आज भी गुरबत से नहीं उबरे हैं अन्नदाता: पिछड़ती और धीमी पड़ती अर्थव्यवस्था के चलते सरकार ने सभी किसानों का ऋण माफ  करने का जोखिम नहीं लिया जबकि मौजूदा समय में ग्रामीण और कृषि क्षेत्र सर्वाधिक दुर्दशा से गुजर रहे हैं

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