आत्म बलिदान बापू का

आत्म बलिदान बापू का: समाज को भीड़ बना कर इंसानों को पागलों की जमात बना कर जब सत्ता और संपत्ति का शिकार किया जा रहा हो, तब एक आदमी के बस का बचता ही क्या है

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