हम समझ नहीं पाए गांधी प्रणीत स्वराज्य की संकल्पना को
हम समझ नहीं पाए गांधी प्रणीत स्वराज्य की संकल्पना को: गांधी प्रणीत स्वराज्य या रामराज्य की संकल्पना को हम समझ नहीं पाए। राजनैतिक स्वतंत्रता प्राप्त होने पर भी धार्मिक आर्थिक, सामाजिक गुलामी से मनुष्य मुक्त नहीं हो पाया
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