छोटे और कितने छोटे होंगे सत्र

छोटे और कितने छोटे होंगे सत्र: सत्र छोटे किए जा रहे है। यह तो लोकतंत्र का मजाक है- चार दिन का क्यों महीने भर का क्यों नहीं। राज्य में कितनी तरह की समस्याएं हैं- हर वर्ग की समस्याएं हैं उन पर सदन में चर्चा हो

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