विकास के साथ-साथ लुप्त हो गई गर्माहट

विकास के साथ-साथ लुप्त हो गई गर्माहट: नेता का नाम लो, जेहन में भ्रष्टाचार का ख्याल आता है। सचिन का नाम लो, तो क्रिकेट कौंधता है दिमाग में। सर्दी की बात आती है तो रजाई याद आती है। कभी कोई नहीं कहता कि कम्बल में दुबके बैठे हैं

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