छोड़ो कल की बातें...

छोड़ो कल की बातें...: मजेदार बात यह कि अपने ही आर्थिक चरित्रवाली सत्ता को अपदस्थ कर उसकी कार्बन कापी ने सत्ता पाया और वही, उसी वर्ग चरित्र की सत्ता आपातकाल को याद कर लोगों को सावधान कर रही- यह राजनीति का चरित्र है

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