भाई, बहनों के लिए रिश्ता नहीं मिली, कुंठा में दे दी जान

भाई, बहनों के लिए रिश्ता नहीं मिली, कुंठा में दे दी जान: सामाजिक बंधन व संकुचित मानसिकता ने आज भी हमारे समाज को जकड़ा हुआ है।

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