सपनों को मार रही है सरकार

सपनों को मार रही है सरकार: लगता है हमारे राजनेताओं को अब इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि उनके बयानों से कोई आहत हो सकता है, कोई विवाद खड़ा हो सकता है, कोई गलत मिसाल कायम हो सकती है

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