साहित्योत्सव में दिखे विभिन्न साहित्यिक रंग

साहित्योत्सव में दिखे विभिन्न साहित्यिक रंग: साहित्योत्सव के दूसरे दिन वाचिक एवं जनजातीय साहित्य पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। उद्घाटन सत्र में आज उद्घाटन वक्तव्य लब्धप्रतिष्ठ विद्वान मृणाल मिरी ने दिया

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