न्याय की धीमी गति पर खड़े हुए सवाल

न्याय की धीमी गति पर खड़े हुए सवाल: इसमें कोई शक नहीं कि मौजूदा न्यायिक प्रणाली बेहद धीमी गति से काम कर रही है। नतीजतन में अदालतों में लंबित मुकदमों की संख्या करोड़ों तक पहुंच चुकी है

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