दलितों की आवाज बन मायावती ने जमाई राजनीति में धाक

दलितों की आवाज बन मायावती ने जमाई राजनीति में धाक: देश में जब कभी पिछड़ी जाति और दलित वर्ग के अधिकारों की बात की जाती है, तो सबसे पहले जुबान पर डॉ. भीमराव अंबेडकर, कांशीराम का नाम आता है

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