1984 में इंसानी मूल्यों की भी हत्या हुई थी

1984 में इंसानी मूल्यों की भी हत्या हुई थी: दिल्ली शहर में नवम्बर 1984 में पीड़ित सिखों के साथ वही लोग खड़े थे जिनको आम तौर पर लिबरल  बुद्धिजीवी माना जाता है

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

गांजा खपाने पहुंचे थे, सीतामणी में पकड़ाए

24 लाख का घोटाला मामला: आरोपियों को सुनाई सजा