क्लासो

क्लासो: कितना अजीब है, जो सभ्य या संपन्न मानी जाती हंै, वो बंधी हुई हंै और क्लासो, जो सलीकों, तौर-तरीकों से कोसों दूर है वो आजाद नाचती है, गाती है

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