रक्षा सूत्र

रक्षा सूत्र: उस दिन एक थप्पड़ ने कई परतें खोल दी थीं। उसे कलयुग की यशोदा कहूं या श्रवण कुमार का स्त्री रूप... या फिर सिर्फ एक निश्चल मन की मालकिन

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

गांजा खपाने पहुंचे थे, सीतामणी में पकड़ाए

24 लाख का घोटाला मामला: आरोपियों को सुनाई सजा