मासूमों की ले रहे जान

मासूमों की ले रहे जान: ऐसे कौन से कारण है कि बाप अपने ही चिरागों के खून के प्यासे हो रहे है। जल्लाद बनकर मौत बांट रहे हैं। यह समाज का पतन है कि जन्मदाता ही मृत्युदाता बन रहे हैं

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

गांजा खपाने पहुंचे थे, सीतामणी में पकड़ाए

24 लाख का घोटाला मामला: आरोपियों को सुनाई सजा