निशाने पर लोकतंत्र का चौथा स्तंभ
निशाने पर लोकतंत्र का चौथा स्तंभ: किसी भी लोकतान्त्रिक समाज के लिए अभिव्यक्ति की आजादी और असहमति का अधिकार बहुत जरूरी है। फ्रांसीसी दार्शनिक 'वोल्तेयर' ने कहा था कि 'मैं जानता हूं कि जो तुम कह रहे हो वह सही नहीं है
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