प्रकृति के प्रति बनें संवेदनशील

प्रकृति के प्रति बनें संवेदनशील: मनुष्य का दृष्टिकोण भौतिकवादी, उपभोक्तावादी और व्यवसायिक होता गया और वह प्राकृतिक संसाधनों का मनमाना दोहन करने लगा

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