कविताओं के जरिए कवि कहते हैं…अब शब्दों के अर्थ बदलने लगे हैं

कविताओं के जरिए कवि कहते हैं…अब शब्दों के अर्थ बदलने लगे हैं: 'हम एक खतरनाक समय में रह रहे हैं और समय की इस भयावहता से कविता कैसे अछूती रह सकती है। समय गुर्राता है चीखता है और कविताओं में क्षण ही नहीं पूरा दौर कैद होता है

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