समाज की धारा क्यों फँसी हैं, ऐसी अफवाहों में?

समाज की धारा क्यों फँसी हैं, ऐसी अफवाहों में?: देश का इतिहास रहा है, कि वह समय-समय पर अफवाहों और अंधविश्वासों की जकड़ में आकर समाज और नैतिकता के खिलाफ जाकर कृत्य करने के लिए तत्पर हो जाता है

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