सामाजिक कुप्रथा का

सामाजिक कुप्रथा का: सर्वोच्च न्यायालय का फैसला स्वागत योग्य है। परंतु यदि सर्वोच्च न्यायालय ने महिलाओं के अधिकारों के हनन को लेकर इतनी सक्रियता दिखाई है तथा केंद्र सरकार ने भी इस विषय में पूरी दिलचस्पी ली है

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

गांजा खपाने पहुंचे थे, सीतामणी में पकड़ाए

24 लाख का घोटाला मामला: आरोपियों को सुनाई सजा