बाजारी मिथकों के नए प्रतीक, महानायक

बाजारी मिथकों के नए प्रतीक, महानायक: भारतीय राजनीति के पुराने नायक जहां पाठ्य पुस्तकों में सिमट कर रह गए हैं वहीं वर्तमान भारतीय राजनीति ऐसे आदर्श गढ़ने में विफल रही है

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