पकौड़े सा तला जा रहा समाज

पकौड़े सा तला जा रहा समाज: वर्तमान शासन प्रणाली का नवाचार यह है कि यह कमोबेश संवेदनाशून्य बनता जा रहा है। पकौड़े बेचना न तो कोई खराब व्यवसाय है और न ही तुच्छ

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