अम्माएँ

अम्माएँ: वह विशाल, हरा पेड़... जैसे वह पूरी धरती पर अकेला था। और दूर-दूर तक, जहाँ तक नजर जाती, धरती फटी हुई थी। उसमें बड़ी-बड़ी दरारें थीं

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