शिक्षक: अस्मिता और अपेक्षा के बोझ बीच फंसे बौद्धिक जागरण के दूत

शिक्षक: अस्मिता और अपेक्षा के बोझ बीच फंसे बौद्धिक जागरण के दूत: शिक्षकों के सम्मान में पढ़े जाने वाले कसीदे, शिक्षकों का अभिनंदन और 'गुरुब्रह्मा-गुरु विष्णु' कहने की रस्म अदायगी, शिक्षक दिवस का पर्याय बन चुकी है

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