माननीय अब तो उठिए, एक नदी डूब गई है!

माननीय अब तो उठिए, एक नदी डूब गई है!: यह बात समझ से परे है कि कैसे जनता के धन पर अपना जीवन बिताने वाले सरकारी अधिकारी, जिनका कार्य नर्मदा घाट में बांधों व पुनर्वास की निगरानी करना था

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